Ghibli एनीमेशन का इतिहास

 Ghibli एनीमेशन का भारत में प्रभाव।

Ghibli एनीमेशन, जो जापान की प्रसिद्ध स्टूडियो Ghibli द्वारा निर्मित होता है, भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रभाव बन चुका है। Ghibli एनीमेशन कि  विशेषता  उसकी गहरी खानी, अद्भुत चित्रकला और भावनात्मक गहराई है।
भारत में आजकल Ghibli एनीमेशन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसकी फिल्में बच्चों और वयस्कों दोनों के बीच समान रूप से प्रिय है। भारतीय दर्शक Ghibli एनीमेशन द्वारा स्टोरी टेलिंग को काफी पसंद करते हैं,जो सरलता से सांस्कृतिक और भव्य जीवन के संदेश को प्रस्तुत करती है।

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण , Ghibli एनीमेशन अब भारत में बहुत बड़ा स्थान चुका है और इसकी शैली का प्रभाव देखा जा रहा है।

Ghibli एनीमेशन का इतिहास: एक अनोखी कल यात्रा 

Ghibli आर्ट या स्टूडियो ghibli की कला, जापान के एनीमेशन उद्योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित सा है। यह कल अपने अनोखे चित्रण, सुन्दरता, गहरी भावनाओं और कहानी कहने के तरीके के लिए विश्व भर में विख्यात है।

 Ghibli एनीमेशन का प्रारंभ 

स्टूडियो ghibli की नींव 1985 में मियाज़ाकी और ताकाहाता ईसाओ ने रखी थी। इन दोनों ने ही जापान के सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित एनीमेशन निर्देशक रहे हैं।
पहली Ghibli फिल्म “नौसैनिक ऑफ द वैली ऑफ द विंड”
थी। यह फिल्म स्टूडियो Ghibli के लिए एक नई और पहचान बना गई।

Ghibli एनीमेशन का विकास 

Ghibli स्टूडियो की कला शैली में खासतौर पर हैंड ड्रॉवन एनीमेशन किया जाता है। इसका मुख्य कारण था कि मियाज़ाकी और उनके सहकर्मी मानते थे कि एनीमेशन को जितना संभव हो सके उतना अधिक जीवंत और प्राकृतिक दिखाया जाए। Ghibli की फ़िल्मों में चित्रित किए गए दृश्य बहुत ही विस्तृत होते थे, जहां पर बारीकी से बारीकी सूक्ष्मता पर ध्यान दिया जाता था।
Ghibi आर्ट यह विशेषता है  कि जिसके माध्यम से सुन्दरता, रहश्यमयी प्राकृति, भावनाओं और दृश्य को व्यक्त सकता है। यह आर्ट आज जापान ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में प्रचलित है। Gibli के माध्यम से  पर्यावरण, समाज सुधार आदि मुद्दों को भावनात्मक प्रदर्शित किया जासकता है।

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