दुनियाभर में तलाक दर: भारत और अन्य देशों की तुलना

 

By Dipanshu 

तलाक (Divorce) अब सिर्फ पश्चिमी देशों की समस्या नहीं रह गई है। आज यह एक वैश्विक सामाजिक विषय बन चुका है। दुनियाभर में तलाक दर (Divorce Rate) अलग-अलग है और यह वहां की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और कानूनी व्यवस्थाओं पर निर्भर करती है। आइए जानते हैं कि भारत और अन्य देशों में तलाक की स्थिति क्या है और किन कारणों से यह दर घटती या बढ़ती है।

दुनियाभर में तलाक दर : देशों की तुलना

नीचे कुछ प्रमुख देशों में सालाना विवाह और तलाक के अनुपात के आधार पर तलाक की दर दी गई है:

  • 🇮🇳 भारत: 1%
  • 🇻🇳 वियतनाम: 7%
  • 🇹🇯 ताजिकिस्तान: 10%
  • 🇮🇷 ईरान: 14%
  • 🇲🇽 मेक्सिको: 17%
  • 🇪🇬 मिस्र: 17%
  • 🇿🇦 दक्षिण अफ्रीका: 17%
  • 🇧🇷 ब्राज़ील: 21%
  • 🇹🇷 तुर्की: 25%
  • 🇨🇴 कोलंबिया: 30%
  • 🇵🇱 पोलैंड: 33%
  • 🇯🇵 जापान: 35%
  • 🇩🇪 जर्मनी: 38%
  • 🇬🇧 यूके: 41%
  • 🇳🇿 न्यूज़ीलैंड: 41%
  • 🇦🇺 ऑस्ट्रेलिया: 43%
  • 🇨🇳 चीन: 44%
  • 🇺🇸 अमेरिका: 45%
  • 🇰🇷 दक्षिण कोरिया: 46%
  • 🇮🇹 इटली: 46%
  • 🇨🇦 कनाडा: 47%
  • 🇳🇱 नीदरलैंड: 48%
  • 🇸🇪 स्वीडन: 50%
  • 🇨🇵 फ्रांस: 51%
  • 🇧🇪 बेल्जियम: 53%
  • 🇫🇮 फिनलैंड: 55%
  • 🇨🇺 क्यूबा: 55%
  • 🇺🇦 यूक्रेन: 70%
  • 🇷🇺 रूस: 73%
  • 🇱🇺 लक्ज़मबर्ग: 79%
  • 🇪🇦 स्पेन: 85%
  • 🇵🇹 पुर्तगाल: 94%

भारत में तलाक की दर: सिर्फ 1%

भारत में तलाक की दर दुनिया में सबसे कम मानी जाती है। यह महज 1 प्रतिशत है। इस दर के पीछे कई सामाजिक और सांस्कृतिक कारण हैं:

✅ पारिवारिक संरचना

भारत में संयुक्त परिवार की परंपरा आज भी मजबूत है, जिससे पति-पत्नी के रिश्ते में सामंजस्य बैठाने में परिवार मदद करता है।

✅ सामाजिक कलंक

भारत में तलाक को अब भी कई जगह नकारात्मक रूप में देखा जाता है, जिससे लोग अक्सर इस फैसले को टालते हैं।

✅ महिलाओं की स्थिति

अभी भी कई महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं, जिसकी वजह से वे तलाक लेने से डरती हैं।

✅ धार्मिक दृष्टिकोण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह को एक पवित्र बंधन माना जाता है और तलाक को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाता है।

पश्चिमी देशों में तलाक की बढ़ती दर

पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, रूस, पुर्तगाल आदि में तलाक की दर बहुत अधिक है। इसके कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

🔄 बदलती जीवनशैली

लोगों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और करियर को रिश्तों पर प्राथमिकता दी जा रही है।

🔍 कम सहनशीलता

आज के दौर में छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट जाते हैं। सहनशीलता की कमी रिश्तों को कमजोर बना रही है।

⚖️ कानून का सहयोग

पश्चिमी देशों में तलाक की प्रक्रिया आसान और कानूनी रूप से समर्थित है, जिससे लोग जल्दी निर्णय ले पाते हैं।

दुनियाभर में तलाक दर के मुख्य कारण

  • बातचीत की कमी
  • वित्तीय समस्याएं
  • विश्वास की कमी
  • घरेलू हिंसा
  • करियर और स्थानांतरण
  • विवाह पूर्व अपेक्षाएं

दुनियाभर में तलाक दर का सामाजिक प्रभाव

  1. बच्चों पर प्रभाव: तलाक के बाद बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है।
  2. महिलाओं की स्थिति: तलाकशुदा महिलाओं को समाज में कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
  3. आर्थिक चुनौती: एकल माता-पिता को आर्थिक रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

तलाक दर कम करने के उपाय

  • पूर्व वैवाहिक काउंसलिंग
  • संचार में पारदर्शिता
  • समानता और सम्मान
  • आर्थिक स्वतंत्रता
  • कानूनी और मानसिक सहयोग

दुनियाभर में तलाक दर निष्कर्ष

दुनिया में तलाक की दर तेजी से बढ़ रही है, लेकिन भारत अभी भी उन कुछ देशों में है जहां विवाह को सामाजिक और धार्मिक रूप से गंभीरता से लिया जाता है। हालांकि बदलते समय के साथ तलाक को एक सामाजिक जरूरत के रूप में भी स्वीकार किया जा रहा है।

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